मुंशी प्रेमचंद जी एक महान उपन्यास कार हैं उन्होंने हिंदी जगत में बहुत सी रचनाएं की यंहा हम उनके जीवन परिचय के बारे में जानेंगे जैसे — प्रेमचन्द जी वास्तविक नाम -धनपत राय श्रीवास्तव था
इनका जन्म 31 जुलाइ 1880 लमही गांव वाराणसी उत्तर प्रदेश में हुआ इनके पिता जी का नाम अजायब राय था, माँ आनंदी देवी और पत्नी शिवरानी देवी थी वे हिंदी और उर्दू दोनों में रचनाएं करते थे।
- रचनाएँ
- भाषा शैली
- साहित्य में स्थान
1 . रचनाएँ – प्रेमचंद जी को हिंदी जगत के शिखर पुरुष रूप मैं जाना जाता है प्रेमचंद जी का साहित्य सागर अत्यंत विशाल है उनमे से कुछ रचनाएँ निम्नलिखित हैं —
- प्रेमाश्रम, सेवासदन , रंगभूमि , गबन , कर्मभूमि , गोदान , मंगलसूत्र (अपूर्ण ) -उपन्यास
- प्रेम की देवी , संग्राम, कर्बला ,आदि –नाटक आदि।
2 . भाषा शैली – भाषा – प्रेमचंद जी की भाषा हिंदी की खड़ी बोली है जो सरल,सहज और प्रवाहपूर्ण है उनकी भाषा में उर्दू के शब्दों के साथ साथ मुहावरे और लोकोक्तियाँ का बड़ा ही सटीक प्रयोग हे इनकी भाषा में अद्भुत व्यंजना शक्ति विध्यमान हे जो पाठक को रोचकता प्रदान करती है।
शैली – प्रेमचंद जी अपनी रचनाओं को बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत करने में सिद्धहस्त थे उनकी शैली आकर्षक और मार्मिकता लिए हुए है। वे वर्णनात्मक ,भावात्मक,व्यंग्यात्मक, तथा विवेचनात्मक शैली का प्रयोग अपनी रचनाओं में करते थे।
3 .साहित्य में स्थान – प्रेमचंद जी हिंदी जगत में उपन्यास सम्राट के नाम से जाने जाते हैं वे हिंदी और उर्दू के महान लेखकों में से एक हैं प्रेमचंद जी हिंदी के युग प्रवर्तक रचनाकार हैं उनकी रचनाएँ यथार्थता को दर्शाती है।
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