हिंदी व्याकरण

हिंदी भाषा को शुद्ध रूप से लिखने पढ़ने और समझने के लिए हिंदी व्याकरण का अध्ययन करना अति आवश्यक होता है और इसके संबंधित नियमों का बोध कराने वाले शास्त्र को व्याकरण कहते हैं और इन्हीं नियमों का अध्ययन करने के लिए हिंदी व्याकरण को 3 भागों में बांटा गया है

व्याकरण के अंग

मुख्य रूप से तीन होते हैं ( कॉम्पिटेटिव एक्जाम में 3 और 4 में से तीन सही लगाना चाहिए )

  1. वर्ण विचार
  2. शब्द विचार ( पद विचार शब्द विचार के अंतर्गत ही आता है है जिसे कुछ लोग अलग से चौथा प्रकार मानते हैं )
  3. वाक्य विचार

वर्ण विचार

किसी भी भाषा को समझने के लिए सबसे पहले उस भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि अर्थात वर्ण को समझना होगा |

वर्ण की परिभाषा – भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि है अर्थात ध्वनि को ही वर्ण कहते हैं |

पंडित कामता प्रसाद गुरु जी के अनुसार – ” वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं जिसके खंड नहीं किया जा सकते

उदाहरण – राम — र्+आ+म्+अ

◆ वर्णों का व्यवस्थित एवं क्रमबद्ध समूह वर्णमाला कहलाता है

हिंदी वर्णमाला को दो भागों में बांटा गया है

  1. स्वर
  2. व्यंजन

शब्द विचार

शब्द उसे कहते है जिसमें दो या दो से अधिक वर्णों का सार्थक मेल होता है अर्थात किसी भी अलग-अलग वर्णों के मेल से जो शब्द बनता है उन शब्दों का एक सार्थक अर्थ होना चाहिए तभी वह शब्द कहलाता है

उदाहरण

  1. हापो × = पोहा √ (हापो शब्द में कोई अर्थ का बोध नही होता परंतु पोहा शब्द एक अर्थ देता है )

जैसे की परिभाषा में स्पष्ट है कि सार्थक अर्थ देने वाले वर्णो के मेल को शब्द कहते हैं हापो शब्द में कोई भी अर्थ स्पष्ट नहीं होता इसी वजह से हापो शब्द स्पष्ट शब्द नही हैं वही पोहा शब्द एक विशिष्ट प्रकार का खाने योग्य व्यंजन है जो एक स्पष्ट अर्थ देता है इसीलिए इसे शुद्ध शब्द माना जा सकता है

2. मोसास × = समोसा √ ( मोसास शब्द में कोई अर्थ का बोध नही होता है परंतु समोसा शब्द एक अर्थ देता है )

इसी प्रकार मौसास शब्द किसी स्पष्ट अर्थ का बोध नहीं करता है इसलिए यह शब्द सार्थक शब्द नहीं हो सकता वही समोसा शब्द एक प्रकार का खाने योग्य व्यंजन है जो एक स्पष्ट अर्थ का बोध कराता है इसलिए यह शब्द है

शब्दों का वर्गीकरण

  1. उत्पत्ति के आधार पर
  2. व्युत्पत्ति के आधार पर
  3. अर्थ के आधार पर
  4. प्रयोग के आधार पर

शब्द विचार

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

  1. तत्सम शब्द
  2. तद्भव शब्द
  3. देशज शब्द
  4. विदेशज शब्द
  5. शंकर शब्द

वाक्य विचार

वाक्य उसे कहते हैं जिसमें दो या दो सेअधिक शब्दों का वह मेल जिसमें पूर्ण रूप से अर्थ का बोध होता हो वह वाक्य कहलाता है

जैसे – राम घर गया

वाक्य के अंग – दो प्रकार के अंग होते हैं

  1. उद्देश्य
  2. विधेय

वाक्य का वर्गीकरण

  1. अर्थ के आधार पर – अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ प्रकार के होते हैं
  2. रचना के आधार पर – रचना के आधार पर वाक्य के तीन प्रकार होते हैं

इन सब के बारे में अगले पोस्ट पर मैं एक-एक करके व्याकरण के एक-एक अंग का विश्लेषण करूंगा क्योंकि व्याकरण के तीन अंग है आप लोगों ने ऊपर देखा होगा इन सभी अंगों के अंदर पूरी व्याकरण समा जाती है जिसका विश्लेषण अगली पोस्ट पर हम करेंगे

इन सब के बारे में अगले पोस्ट पर मैं एक-एक करके व्याकरण के एक-एक अंग का विश्लेषण करूंगा क्योंकि दोस्तों व्याकरण के तीन अंग है आप लोगों ने ऊपर देखा होगा इन सभी अंगों के अंदर पूरी व्याकरण समा जाती है जिसका विश्लेषण अगली पोस्ट पर हम करेंगे जिसको आपन

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