लिए बच्चों हम जानते हैं आज इस लेख पर कक्षा दसवीं के कवियों का जीवन परिचय जिन्होंने अपने प्रतिभा के दौरान हिंदी जगत में बहुत कुछ हासिल किया है यहां पर उनके बारे में कुछ विशेष तत्वों के साथ उनका विवरण दिया जा रहा है जिसे पढ़कर आप आपकी क्लास में अच्छे स्कोर कर सकते हैं यहां पर उनकी रचनाएं जन्म मृत्यु का संक्षिप्त विवरण देखने को मिलेगा यदि आप और भी कुछ अच्छा चाहते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं हम आपके बारे में और भी अच्छे से अच्छा कंटेंट देने की कोशिश करेंगे जय हिंद
सूरदास जी का जीवन परिचय
सूरदास जी का
जन्म 1478 में रुनकता या रेणुका
मृत्यु 1583 परसोली
गुरु – वल्लभाचार्य के शिष्य सूरदास अष्टछाप कवियों में से सर्वाधिक प्रसिद्ध थे
रस वात्सल्य , श्रृंगार रस के श्रेष्ट कवि
भाषा – बृजभाषा
रचनाएँ – सूरसागर(भ्रमरगीत) सूरसरावली,साहित्य लहरी
तुलसीदास जी का जीवन परिचय
जन्म- उत्तर प्रदेश बांदा जिला राजापुर गांव में सन 1532 में
जन्म स्थान – सोरों जिला एटा भी माना जाता है
मृत्यु – 1623 काशी
राम भक्ति शाखा के प्रमुख कवि
रचनाएं – रामचरितमानस , कवितावली, गीतावली, दोहावली,कृष्ण गीतावली,विनय पत्रिका
भाषा -अवधी, बृजभाषा
रामचरितमानस अवधी भाषा में लिखी गई है रामचरितमानस का मुख्य छंद चौपाई छंद है
और विनय पत्रिका कवितावली ब्रजभाषा में, तुलसीदास जी की दोनों में कमान है
जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय
जन्म – 1889 में वाराणसी
मृत्यु – 1937 में
रचनाएं – चित्रा,धार कानून कुसुम, झरना ,आंसू ,लहर, कामायनी ( काव्य )
★ कामायनी पर जयशंकर प्रसाद को मंगला प्रसाद पारितोषिक दिया गया है
गद्य- अजातशत्रु,चंद्रगुप्त,स्कंद गुप्त, ध्रुवस्वामिनी,( नाटक ) कंकाल,तितली,इरावती, (उपन्यास )
आकाशदीप,आंधी,इंद्रजाल, कहानी संग्रह
उत्साह एक आव्हान गीत है
अट नहीं रही है कविता फागुन की मादकता प्रकट करती है
★ प्रेमचंद द्वारा हंस पत्रिका का संपादन किया गया जिसमें आत्मकथ्य कविता 1932 में हंस पत्रिका में पहली बार प्रकाशित हुई जो जयशंकर प्रसाद की है
बनारसी दास जैन कृत अर्थ कथानक हिंदी की पहली आत्मकथा मानी जाती है इसकी रचना सन 1661 में हुई और यह पद्यात्मक है
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘ निराला ‘ का जीवन परिचय
जन्म – बंगाल की महीषादल में सन 1899 में हुआ।
वे मूलत गढ़ाकोला जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश के निवासी थे
मृत्यु – सन 1961 में
रचनाएं – अनामिका, परिमल, गीतिका, कुकुरमुत्ता, नए पत्ते,
निराला रचनावली के आठ खंडों में उनका संपूर्ण साहित्य प्रकाशित है
उत्साह एक आह्वान गीत है जो बादल को संबोधित है
” अट नही रही है ” कविता फागुन की मादकता को प्रकट करती है
● फागुन में गाए जाने वाले गीत जैसे होरी, फाग
नागार्जुन का जीवन परिचय
जन्म – सन 1911 बिहार के दरभंगा जिले के सतलखा गांव में
मृत्यु 1998 में धर्म बौद्ध धर्म की दीक्षा श्रीलंका में 1936 में ली
रचनाएँ – यह दंतुरित मुस्कान, युगधारा, सतरंगे पंखों वाली, हजार हजार बाहों वाली, तुमने कहा था, पुरानी जूतियां का कोरस, आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने, मैं मिलिट्री का बूढ़ा घोड़ा,
★ उनका संपूर्ण कृतित्व नागार्जुन रचनावली के सात खंडों में प्रकाशित है
★ वे यात्री नाम से प्रतिष्ठित है
★ काव्यगत विशेषताएं
1. भाव-पक्ष – नागार्जुन जीवन के, धरती के, तथा श्रम के गीत गाने वाले कई रहे है । आपने अपनी कविताओं में शोषितों और शोषक के प्रति विद्रोह का स्वर व्यक्त किया साथ ही आपकी कविता में प्रेम सौंदर्य ,राष्ट्रीयता पर करारे प्रहार किए हैं
2. कलापक्ष – उनकी बोली सामान्य बोलचाल की खड़ी बोली है विषय उनके प्रति के माध्यम से दिखाई देते हैं इन्होंने छंदबद्ध और छंदयुक्त रचनाएं की है
3. साहित्य
●●●● मंगलेश डबराल का जीवन परिचय ●●●●
जन्म – सन 1948 में टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड के काफल पानी गांव में हुआ
मृत्यु – सन 2020
◆ रचनाएं – पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज भी एक जगह है ।
◆ काव्यगत विशेषताएं
1. भाव पक्ष – उनकी कविताओं में पूंजीवादी और सामंतवादी दोनों का स्पष्ट विरोध दिखाई देता है । वे वंचितों के लिए आवाज उठाते है।
2. कलापक्ष – मंगलेश डबराल जी की भाषा विरोध और प्रतिपक्ष से संबंधित होती हुई स्थिर है उनका बोध सूक्ष्म और वैचारिक है ।
◆ साहित्य में स्थान – मंगलेश डबराल जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा पहल सम्मान से सम्मानित किया जा चूका है